ब्रह्म मुहूर्त में सुबह ४ से ६ बजे के बीच या सूर्यास्त के समय। ॐ ह्रीँ पंयव्रतगुणोपेतायै पद्मावत्यै नमः । १० अवगड़ का चेला, फिरूँ अकेला, कभी न शीश नवाऊंगा ॐ ह्रीँ योगविज्ञान्यै पद्मावत्यै नमः । ७० Afterward, over the 11th and 12th century, Guru Gorakhnath released the mantra https://lorenzohucks.blogsumer.com/31697727/details-fiction-and-most-powerful-sarv-karya-sidh-shabar-mantra-karya-siddhi-shabar-mantra-most-powerful-shabar-mantra